Thursday, February 2, 2012

भारतीय संस्कृति


संस्कृतम्
भाषाओं के इतिहास में भारतवर्ष का एवं यहाँ के आचार्यों का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा है, क्यों कि? उन्होंने ऐसी भाषा का आविष्कार किया जो हर तरह से शास्त्रीय है। वह देवभाषा ‘संस्कृत’ है जिसके बल पर भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता महान् बनी।

आचार्य धीरेन्द्र जी महाराज 

शयन, उपवेशन, नेत्रपाणि प्रकाशन, गमन, आगमन, सभा वास, आगम, भोजन, नृत्य लिप्सा, कौतुक, निद्रा-अवस्था-कथन

  शयन , उपवेशन , नेत्रपाणि प्रकाशन , गमन , आगमन , सभा वास , आगम , भोजन , नृत्य लिप्सा , कौतुक , निद्रा-अवस्था-कथन   शयनं चोपवेशं च नेत्र...